माँ तू ना होती तो मेरी जिंदगानी ना होती..
ना होता मेरा अस्तित्व ना ये समां होती..
तेरे ही दम से कायम है ये बुलंदी..
वरना ज़माने की ये दौड़ ना होती..
आँखों में आंसू और चेहरे पे हंसी न होती..
महकमे की फूल और ये नजाकत ना होती..
तू शीतल है नदी सी..सादगी है गजब की..
तुझसे ही आबाद है सितारों की दुनिया ..
वरना आसमान तले ये जन्नत ना होती..
फूलों की खुशबू मौसम की रवानी...
ये पतझड़ सावन और कहानी ना होती..
खुशनसीब हूँ मै तेरे दामन और छाओं तले..
वरना मेरी ज़िन्दगी इतनी महफूज ना होती..
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