रोशन तेरी नजरों से सदायें आने लगी है
तन्हा इन राहों से कोई गुजरने लगी है..
संग शबनमी झोंको के बारिश होने लगी है
कैसे कहें इब्तेदा यूँ मोहब्बत होने लगी है..
इतनी थी इल्तेजा मेरे दिल की
न जाने क्यों वक़्त बेजार हो गया..
नज़रें तराशती रही खुशियों को
और ग़मों से मेरा करार हो गया..
यादों पे तेरी हर महफ़िल फ़िदा है..
एहसास का ये दामन तुझसे जुड़ा है...
हर मौसम दिल की यही सदा है....
मेरे अक्स का न कुछ तुझसे छिपा है..
गर हो तुम खफा मुझसे तो ये....
मेरी नहीं शायद वक़्त की खता है.....
यादों पे तेरी हर महफ़िल फ़िदा है..
एहसास का ये दामन तुझसे जुड़ा है...
हर मौसम दिल की यही सदा है....
मेरे अक्स का न कुछ तुझसे छिपा है..
गर हो तुम खफा मुझसे तो ये....
मेरी नहीं शायद वक़्त की खता है.....
शुक्रिया जो आपकी दुआओं में शामिल हूँ
अंजन डगर और खोयी इन राहों पे सही
तुम सीप में मोती सी तामिल हो..
मेरी दोस्ती की कश्ती का साहिल हो...
आबाद हो तुम्हारी हसीन दुनिया
आपकी इनायतों का कायल हूँ...
साथ है आपका चलने के लिए
आरजू है खुदा की सो हासिल हो...
तेरी हर मुस्कराहट को आफताब सा संजो कर रखा है.......
हर एहसास को दिल ए गुलजार में समा कर रखा है.........
यकीन न आये तो मेरी तनहाइयों से पूछ लेना
तेरी यादों के फूल मैंने वक़्त के पन्नो में छिपा के रखे हैं...........
तन्हा इन राहों से कोई गुजरने लगी है..
संग शबनमी झोंको के बारिश होने लगी है
कैसे कहें इब्तेदा यूँ मोहब्बत होने लगी है..
इतनी थी इल्तेजा मेरे दिल की
न जाने क्यों वक़्त बेजार हो गया..
नज़रें तराशती रही खुशियों को
और ग़मों से मेरा करार हो गया..
यादों पे तेरी हर महफ़िल फ़िदा है..
एहसास का ये दामन तुझसे जुड़ा है...
हर मौसम दिल की यही सदा है....
मेरे अक्स का न कुछ तुझसे छिपा है..
गर हो तुम खफा मुझसे तो ये....
मेरी नहीं शायद वक़्त की खता है.....
यादों पे तेरी हर महफ़िल फ़िदा है..
एहसास का ये दामन तुझसे जुड़ा है...
हर मौसम दिल की यही सदा है....
मेरे अक्स का न कुछ तुझसे छिपा है..
गर हो तुम खफा मुझसे तो ये....
मेरी नहीं शायद वक़्त की खता है.....
शुक्रिया जो आपकी दुआओं में शामिल हूँ
अंजन डगर और खोयी इन राहों पे सही
तुम सीप में मोती सी तामिल हो..
मेरी दोस्ती की कश्ती का साहिल हो...
आबाद हो तुम्हारी हसीन दुनिया
आपकी इनायतों का कायल हूँ...
साथ है आपका चलने के लिए
आरजू है खुदा की सो हासिल हो...
तेरी हर मुस्कराहट को आफताब सा संजो कर रखा है.......
हर एहसास को दिल ए गुलजार में समा कर रखा है.........
यकीन न आये तो मेरी तनहाइयों से पूछ लेना
तेरी यादों के फूल मैंने वक़्त के पन्नो में छिपा के रखे हैं...........
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