तन्हा अकेला फिरता हूँ मै...
आसमान से ऊँचा उड़ता हूँ मै...
महफ़िल में कशिश ढूंढता हूँ मै...
ना जाने किसका पीछा करता हूँ मै..
प्यार ना सही दिल क़ि लगी करता हूँ मै..
मंजिल अनजानी है फिर भी चलता हूँ मै..
कोई हमसफ़र साथ नहीं फिर भी आगे बढता हूँ मै..
तेरी आँखों में वक़्त क़ि ख़ुशी चाहा करता हूँ मै..
सी कर अपने दर्द को मुस्कुराया करता हूँ मै...
जब भी दिल होता है उदास गुनगुनाया करता हूँ मै...
ज़िन्दगी के मुक्कमल पलों को संजोया करता हूँ मै...
कभी कभी अपने साये से डरता हूँ मै..
मेरा दिल जानता है कैसे बसर करता हूँ मै..
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